अधिकांश Internet users के पास कम से कम एक email account तो होता ही है। वे सभी client software (जैसे Outlook) का उपयोग करके अपनी emails को access और manage करते है। अपनी emails को retrieve करने के लिये आपको POP3 या IMAP के साथ Outlook को configure करना होता है।
चूंकि पिछली पोस्ट में हम IMAP की जानकारी आपको दे चुके है। तो इस पोस्ट में हम समझेंगे POP क्या है और यह IMAP से कैसे अलग है?
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POP प्रोटोकॉल क्या है
POP कैसे काम करता है
POP में उपयोग होने वाली कमांड्स
POP3 क्या है
POP क्या है? (POP Protocol in Hindi)
POP या Post Office Protocol, emails को access करने के लिए उपयोग होने वाले सबसे सामान्य protocols में से एक है। इसका उपयोग email client द्वारा mail server से emails को retrieve (पुनःप्राप्त) करने के लिये किया जाता है।
यह प्रोटोकॉल mail server से आपके local computer पर messages को download करने की अनुमति देता है। हालांकि यह उन्हीं emails को download करता है जो आपके inbox folder में है। यह किसी अन्य folder या उनकी सामग्री को download नहीं करता है। जैसे यह आपके sent items, drafts, deleted emails, आदि को download नही करता है।
डिफ़ॉल्ट रूप से अगर आप POP protocol का उपयोग कर रहे होते है, तो message को device पर download कर लेने के बाद उसे mail server से delete कर दिया जाता है। कहने का अर्थ है server पर message की कोई भी copy नहीं रखी जाती है।
हालांकि कुछ clients के पास एक setting होती है जिसे आप check कर सकते है ताकि आपके server पर email की copy छोड़ी जा सके। जिससे आप कई devices से अपनी emails को retrieve कर पाएं।
अगर IMAP की बात की जाए तो इसका उपयोग भी email messages को access करने के लिये किया जाता है। लेकिन POP की तुलना में वह अधिक advanced protocol है जो user को mail server पर सभी folders देखने की अनुमति देता है।
POP protocol का उपयोग करने का लाभ यह है, चूंकि email message आपके device पर download हो गया है, आप अपने download किये गए message को देख सकते हैं, भले ही आपके पास Internet connection न हो।
आपको सिर्फ तभी Internet connection की आवश्यकता होती है जब आप new email receive और send कर रहे होते है।
POP protocol से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- यह OSI model की Application layer पर काम करता है।
- इसे Pull protocol कहा जाता है क्योंकि यह mail server से messages को खींचता है।
- सामान्य कनेक्शन के लिए यह port संख्या 110 का और secured कनेक्शन के port संख्या 995 का उपयोग करता है।
- अगर आप POP protocol का उपयोग कर रहे है तो आप अपनी emails को एक बार मे एक ही device से access कर सकते है।
- अपने messages को पढ़ने के लिये आपको पहले उन्हें download करना होगा, हालांकि आप message को offline mode में भी पढ़ सकते है।
- Gmail, Outlook, Eudora जैसे clients द्वारा POP3 का उपयोग किया जाता है।
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POP प्रोटोकॉल क्या है जानने के बाद आइए अब समझे यह कैसे काम करता है? इसे समझने के लिये हमें email के काम करने की प्रकिया को समझना होगा।
जब आप दिल्ली से मुम्बई में बैठे अपने दोस्त को एक email send करते हैं, तो यह पलक झपकते ही सही address पर पहुंच जाता है। लेकिन email कैसे काम करता है और यह सही recipient तक इतनी जल्दी कैसे पहुंचता है? चलो पता करते हैं।
जब आप अपना message टाइप करते हैं, recipient email address डालते है, और send पर क्लिक करते है, तो message लगभग तुरंत ही recipient को भेज दिया जाता है। यह एक आश्चर्यजनक सरल प्रक्रिया की तरह प्रतीत होता है। लेकिन hops नामक कई चरण और protocols नामक कई नियम हैं जो प्रक्रिया में शामिल हो जाते हैं।
इससे पहले कि हम इस प्रक्रिया को देखें, आइए एक email के मुख्य घटकों पर एक नज़र डालें। किसी भी ईमेल को भेजने के लिए आपको एक sender email addresses की आवश्यकता होती है जो आपका पता है। एक receiver email address जो उस व्यक्ति का ईमेल पता है जिसे आप मैसेज भेज रहे हैं।
Email address के दो parts होते जो ‘@’ symbol के माध्यम से जुड़े होते हैं। जैसे – nayaseekhon@gmail.com पहला भाग आपके username की पहचान करता है और दूसरा भाग email service provider जैसे Gmail या Yahoo की पहचान करता है, इन्हें email clients भी कहा जाता है।
Outgoing emails को control करने वाले नियमों के सेट को Simple Mail Transfer Protocol या SMTP कहा जाता है। इस प्रोटोकॉल को आपका client आपके message को आपके server पर send करने के लिए उपयोग करता है।
Incoming emails को control करने वाले नियमों के समूह को Post Office Protocol या POP कहा जाता है। यह messages को server पर store करने की अनुमति देता है ताकि आप इसे अपने डिवाइस से access और download कर सकें। एक बार message download हो जाने के बाद उन्हें server से हटा दिया जाता हैं।
Internet Mail Access Protocol या IMAP भी incoming emails को नियंत्रित करता है। इसका उपयोग recipient के client द्वारा आपके मैसेज को server से लाने और आपके inbox में डालने के लिए किया जाता है। लेकिन यह POP के विपरीत मैसेज को सर्वर पर रहने देता है और आप उन्हें अपने डिवाइस से कभी भी एक्सेस कर सकते हैं। संदेश सर्वर से हटाए नहीं जाते हैं।
जब आप send बटन पर क्लिक करते हैं, तो मैसेज आपके email client को भेज दिया जाता है। आपके client का SMTP तब recipient’s client का नाम खोजने के लिए Domain name system या DNS नामक सेवा का उपयोग करता है।
जिसे प्राप्त करने के बाद, sender’s client द्वारा recipient’s client को email send किया जाता है। recipient’s client तब POP प्रोटोकॉल का उपयोग करके मैसेज को receive करता है और recipient के inbox में उसे भेजता है जहां से आप message open कर सकते हैं और उसका reply दे सकते हैं।
POP में उपयोग होने वाली commands
कुछ प्रमुख POP commands पर एक नजर डालें:
कमांड्स | विवरण |
---|---|
LOGIN | इस command का उपयोग POP3 server से connection open करने के लिए किया जाता है। |
STAT | वर्तमान में mailbox में मौजूद messages को display करने के लिए इस command का उपयोग होता है। |
RSET | Session को उसकी प्रारंभिक स्थिति में reset करने के लिये इस command का उपयोग होता है। |
LIST | Messages की list और उनके size को show करने के लिये इस command का उपयोग होता है। |
DELE | Message को delete करने के लिए इस command का उपयोग होता है। |
QUIT | POP3 server को quite करने के लिये इस command का उपयोग होता है। |
USER | अपनी user id को enter करने के लिये इस command का उपयोग होता है। |
PASS | अपने password को enter करने के लिये इस command का उपयोग होता है। |
RETR | Message को retrieve करने के लिए इस command का उपयोग होता है। |
POP3 क्या है
POP का वर्तमान version POP3 अथवा Post Office Protocol 3 है। इसका पहला version 1984 में POP नाम से आया था। जिसे Internet Engineering Task Force ने प्रकाशित किया था। जब developers ने email retrieve करने की एक सरल और प्रभावी विधि बनाने की आवश्यकता को पहचाना तब से इसके दो update आ चुके हैं।
इसके दूसरे version POP2 को 1985 में लाया गया। जिसे 1988 में version 3 ने replace कर दिया। तब से अब तक POP3 version हो उपयोग हो रहा हैं। हालांकि इसमें भी कई बार संसोधन किया जा चुका है।
POP3 प्रोटोकॉल के फायदे (Advantages):
- एक बार server से email download कर लेने के बाद आप अगली बार उसे offline access कर सकते है। यानी अपने messages को read करने के लिए आपको हर बार Internet connection की आवश्यकता नहीं हैं।
- चूंकि emails आपके device में store होती है इसलिये उन्हें बड़ी आसानी से access किया जा सकता है।
- आप किसी भी size की email को send और receive कर सकते है। size को लेकर कोई limit नहीं होती।
- इसे configure और use करना बहुत simple है।
- इसमें कम server storage space की आवश्यकता है क्योंकि सभी emails आपके computer में store होते हैं।
POP3 प्रोटोकॉल के नुकसान (Disadvantages):
- Emails को सिर्फ single device से ही access किया जा सकता हैं।
- Server से messages को download कर लेने के बाद उन्हें server से अपने आप delete कर लिया जाता है।
- Mail folder को एक device से दूसरे device में move करना काफी difficult हो सकता हैं।
- सभी email folders corrupt हो सकते है, जिससे संभावना है कि एक बार मे ही आपका पूरा mailbox गायब हो जाये।
- आपके Email में मौजूद attachments में virus हो सकता है जिन्हें download करके open करने पर वह आपके PC में फैल सकता है और नुकसान पहुंचा सकता है।
संक्षेप में – Conclusion
उम्मीद है, इस पोस्ट को पढ़कर आप समझ गए होंगे POP क्या हैं, ईमेल लेन-देन में इसकी भूमिका, यह कैसे काम करता है और यह IMAP protocol से कैसे अलग है?
पोस्ट में बस इतना ही। POP protocol से सम्बंधित कौई सवाल या सुझाव हो तो कृपया नीचे कमेंट करें। अंत में पोस्ट ज्ञानवर्धक लगी हो तो इसे अपने Social Media पर Share जरूर करें ताकि आपके माध्यम से यह जानकारी अन्य लोगों तक पहुंच पाए।