HTTP क्या है और कैसे काम करता है – What is HTTP in Hindi ?

आज के समय भारत मे करीब हर मोबाइल यूजर इंटरनेट का उपयोग कर रहा है। क्योंकि बिना इंटरनेट के आपका फ़ोन सीमित कार्य ही कर सकता है। आपने इंटरनेट का उपयोग करते हुए कई बार वेबसाइट्स में आर्टिकल्स भी पढ़े होंगे। क्या आपने कभी यह सोचा है कि website के URL में HTTP क्या है ?

HTTP Kya Hai in Hindi

एचटीटीपी क्या है (What is HTTP in Hindi) ?

HTTP एक protocol हैं जो आपके browser में HTML को दिखाता हैं। इसकी फुल फॉर्म Hyper Text Transfer Protocol हैं। Web (WWW) पर कोई भी data exchange होता हैं वहा HTTP बेहद महत्वपूर्ण होता हैं।

क्योंकि वही एक responsible प्रोटोकॉल हैं जो की डाटा एक्सचेंज होने में मदद करता हैं कैसे मदद करता हैं ये आप इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद समझ जायेंगे। HTTP को Client Server Protocol भी कहा जाता हैं। client यानी web browser और server यानी कि web server.

जब भी आप कोई वेबसाइट access करते हो अपने फोन में या लैपटॉप में किसी browser के द्वारा तो उस में बहुत सारी चीज़ें होती हैं। जैसे images, videos, script बहुत सारी चीज़ें होती हैं और उस की एक designing होती हैं और यह सारा अलग-अलग जगहों से स्टिच करके आपको दिखाने का कार्य HTTP करता है।

मान लीजिए आपके पास एक फ़ोन हैं और उस में आपने कोई वेबसाइट को ओपन किया हैं या समझ लीजिए आप यह लेख पढ़ रहे हैं। तो हमारी इस वेबसाइट पर आपको कुछ texts दिख रहे होंगे, कुछ images, साथ ही कुछ videos और ads भी दिख रहे होंगे।

मान लीजिए image और text वेब सर्वर पर है videos विडियो सर्वर पर और advertisement एड सर्वर पर हैं। अगर बात की जाए ad server की तो यह भी कही ना कही होस्ट होता हैं जैसे Google absence पर। YouTube के videos भी embedded होते हैं कई सारे वेबसाइट्स के अंदर। YouTube विडियो सरवर हैं, Google ad server हैं, और बाकी web servers हैं जहाँ पे images और text हैं।

मानलो आपने किसी वेबसाइट पे visit किया हैं और ये सारी चीज़ें आपको दिख रही हैं। आपका laptop इंटरनेट से कनेक्ट होगा या फिर जिस भी device में आप वेबसाइट को access कर रहे हो वो इंटरनेट से कनेक्टेड हैं। सारे servers भी इंटरनेट से कनेक्टेड हैं उस के बाद ही इन दोनों के बीच communication होगा।

अब HTTP का काम क्या हैं ? इसका कार्य यह होता हैं कि यह web server से images और text ला कर आपको दिखाता है, फिर विडियो सर्वर से विडियो को लाके दिखाता है, और ad server से ads को लाके दिखाता हैं। इन सभी चीज़ों के अलावा इन के आर्डर को दिखाने का काम भी HTTP ही करता हैं।

अगर बात की जाए HTTP के कॉन्सेप्ट की तो वो यह करता हैं कि जो भी message आपका browser उस server पे भेजता हैं। यानी कि जिस भी वेबसाइट को आप open करना चाहते हो उस सर्वर पर जो मैसेज भेजते हो उस को हम बोलते हैं HTTP request और सर्वर जो मैसेज रिटर्न में आपके client यानी कि आपके browser को भेजता हैं उस को हम बोलते हैं HTTP response.

HTTP Request Response Cycle

अब इस को हम एक example के द्वारा समझते हैं। जैसे अब यहाँ पर मेरा एक वेब क्लाइंट हैं और एक वेब सर्वर हैं। अब वेब क्लाइंट यानी कि browser एक कंप्यूटर हैं जिसमें browser open हैं। अब हम कोई भी एक वेबसाइट का URL डालेंगे जैसे “https//nayaseekhon.com” तो आपका एक request जाएगा इंटरनेट के माध्यम से वेब सर्वर पर जहां पर हमारा वेबसाइट होस्ट किया गया हैं।

उस वेब सरवर पर HTTP request आएगा वो पता करेगा की यह वेबसाइट कैसी हैं और open होने के बाद कैसी दिखती हैं। सर्वर आपको एक response भेजेंगा और आप हमारी वेबसाइट अपने कंप्यूटर पर open होते हुए देखेंगे। तो आपको समझ आ गया होगा की client, server, request और response क्या होता हैं या फिर HTTP क्या होता हैं।

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एचटीटीपी कैसे काम करता है

हमने अभी यह तो जाना की HTTP क्या हैं पर अब हम जानेंगे की यह काम कैसे करता हैं। तो HTTP एक protocol के माध्यम से इंटरनेट पर client device और server के बीच resources का आदान-प्रदान करवाता हैं। क्लाइंट डिवाइस वेब पेज को लोड करने के लिए आवश्यक resources के लिए सर्वर को अनुरोध भेजते हैं।

Server request को पूरा करने के लिए क्लाइंट को response भेजता हैं। अनुरोध और प्रतिक्रियाएं उप-दस्तावेज साझा करती हैं – जैसे images, text, layout वगैरा जो एक क्लाइंट वेब ब्राउज़र द्वारा पूरे वेब पेज फाइल प्रदर्शित करने के लिए एक साथ पाई जाती हैं।

HTTP Status Code क्या होते है ?

अगर HTTP status codes का सरल भाषा में मतलब बताऊ तो यह कंप्यूटर के बीच के इशारे होते हैं। HTTP request-response protocol की तरह काम करता हैं जब आप किसी browser को इस्तेमाल करके किसी वेबसाइट को access करना चाहते हैं। तो एक तरफ browser हुआ क्लाइंट यानी कि आप/visitor और वेबसाइट का सर्वर हुआ जहाँ वह वेबसाइट होस्ट हैं।

तो जब browser यानी कि क्लाइंट एक रिक्वेस्ट भेजता हैं और उस के बदले में server को response देना होता हैं। अब सर्वर जो response देगा उस में status code होगा जो बतायेंगा की जो request browser ने हैं उस का क्या हुआ उस ने क्या किया और साथ में information होंगी जो उसको accompany कर रही हैं।

तो मान लीजिये आपने अपने browser पर एक वेबसाइट का नाम डाला और अब आप उस वेबसाइट को देखना चाहते हो, तो पहले रिक्वेस्ट जाएगी उस वेबसाइट के सर्वर को अब वह request पर response देगा। जिसमें एक status code होगा जो बतायेंगा की हाँ ठीक हैं request मिल गयी हैं उस पर काम हो रहा हैं।

Status codes पहले से fix होते हैं इनका काम सभी computers के लिए एक होता हैं। यह इतने छोटे होते हैं कि इन के ट्रांसफ़र में कोई time नही लगता, कोई खास bandwidth नही लगती और कंप्यूटर्स को पता लग जाता हैं की हां अब कोई काम होने वाला हैं। तो अब आप समझ गए होंगे कि status code क्या हैं और इसकी importance क्या हैं।

तो अब हम बात करते हैं कि आखिर यह status code कितने type के होते हैं और इनका क्या मतलब होता हैं। वैसे कुल 499 टाइप के status codes पाए जाते हैं।

HTTP के कुछ response codes की list:

Status Code CategoriesMeaning
1XX (100 to 199): Informational Codesइस कैटेगरी के status codes ये संकेत देते है कि सर्वर ने request प्राप्त कर ली है और process जारी है।
2XX (200 to 299): Successful Message Codeइस कैटेगरी के status codes ये संकेत देते है कि request सफल रही और ब्राउज़र को अपेक्षित जानकारी प्राप्त हुई।
3XX (300 to 399): Redirection Codeइस कैटेगरी के status codes ये संकेत देते है कि आपको redirect किया गया है और request को पूरा करने के लिए आगे की कार्रवाई की आवश्यकता है।
4XX (400 to 499): Client Side Error Codeइस कैटेगरी के status codes ये संकेत देते है कि वेबसाइट या पेज तक नहीं पहुंचा जा सका और या तो पेज अनुपलब्ध है या अनुरोध में खराब सिंटैक्स है।
5XX (500 to 599): Server Error Codeइस कैटेगरी के status codes ये संकेत देते है कि server स्पष्ट रूप से valid request को पूरा करने में विफल रहा।

एचटीटीपी की विशेषताएं

  • HTTP एक प्रोटोकॉल हैं जो web server और browser को वेब पर डाटा का आदान प्रदान करने की अनुमति देता है।
  • HTTP 80 port डिफ़ॉल्ट रूप से विश्वसनीय TCP (Transmission Control Protocol) connection का उपयोग करता हैं।
  • HTTP request response प्रोटोकॉल हैं।
  • HTTP stateless होता हैं मतलब यह हर एक request को एक नई request मानता हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो सरवर डिफ़ॉल्ट रूप से यूजर को नहीं जानता हैं।

HTTP और HTTPS में क्या अंतर है

HTTP या Hyper Text Control Protocol ,ये कुछ ऐसे set of rules हैं जिनके दम पे इंटरनेट काम कर रहा हैं और आप इंटरनेट पर इंफोर्मेशन्स को मिंटो में एक्सचेंज कर पाते हो।

अब होता क्या हैं कि जब भी आप कोई वेबसाइट ओपन करते हो जहाँ आपको मिलता हैं HTTP तो उस के बाद जो भी डाटा आप अपने browser से भेजते हो उस वेबसाइट के सर्वर पर या जब कोई भी information उस सर्वर से अपने browser तक लेते हो। तो वो मुमकिन हो पाता हैं HTTP की मदद से लेकिन दिक्कत यहां पर ये होती हैं कि वो जो कनेक्शन होता हैं वो complete open होता हैं।

और जो complete link-up बन रहा हैं तो वो होता हैं plain text में। यानी अगर किसी hacker ने आपके कंप्यूटर को मॉनिटर करने का ठान लिया और वो आपके कंप्यूटर से निकलने वाले पैकेट्स को sniff कर रहा हैं तो वो बड़े ही आराम से जान जाएंगे की आप किस वेबसाइट पर क्या काम कर रहे हैं।

वैसे साधारण केस में फर्क नही पड़ता जान लो की मैं क्या काम कर रहा हूं और आप क्या काम कर रहे हो। हम अगर किसी वेबसाइट पर आर्टिकल पढ़ रहे हैं या कोई जोक पढ़ रहे हैं कुछ भी normal काम कर रहे हैं तो कोई फर्क नही पड़ता।

पर फर्क तब पड़ता हैं जब मैं आपसे बात करता हूं किसी भी private session की यानी कि अगर आप किसी वेबसाइट पर जाकर Log in कर रहे हो या मान लीजिए अगर आप shopping करते टाइम पर अपने किसी कार्ड की detail को डाल रहे हो और अगर वो किसी ने बीच में पकड ली तो उस हैकर के पास आपका user id, card वगैरा सारी detail चली जाती हैं।

तो इसलिए हम ऐसे case में काम में लेते हैं HTTPS को इसका फुल फॉर्म Hyper Text Control Protocol Safe होता हैं। इस का काम यह होता हैं कि जो कनेक्शन बनता हैं आपके web-server ओर web browser के बीच में तो वो पूरी तरह से होता हैं सुरक्षित।

Encryption के लिए HTTPS एक encryption protocol का उपयोग करता है। इस प्रोटोकॉल को Transport Layer Security (TLS) कहा जाता है, हालाँकि पहले इसे Secure Sockets Layer (SSL) के रूप में जाना जाता था।

अगर बीच में कोई तीसरा इंसान आके ताक-झाँक करने की कोशिश करता भी हैं और अगर कुछ packets हासिल कर भी लेता हैं तो भी यह पता नही लगा सकता कि text क्या था आप क्या काम कर रहे थे। क्योंकि HTTPS में जो इनफार्मेशन होती हैं वो होती हैं encrypted form में।

आपको आज के समय सभी websites में HTTPS देखने को मिलता हैं और साथ ही साथ Google ने भी इसको पिछले कुछ 2-3 सालों में काफी अहमियत दी हैं। Google में जो रैंकिंग की जाती हैं वहा पर भी HTTPS को reference मिलती हैं।

अगर आपका कोई basic blog वगैरा हैं और उस में अगर आप इस्तेमाल करते हैं HTTPS को तो वो higher rank करेगा। अगर आप यहां पर एक वेबसाइट के owner हैं तो आप भी चाहेंगे कि आपकी वेबसाइट HTTPS को इस्तेमाल करे जिस से जो आपके visitors हैं वो एक secure information ले पाए बीच की इनफार्मेशन leak ना हो जाये।

संक्षेप में – Conclusion

तो आशा करते है कि आप को इस लेख से एचटीटीपी क्या है (What is HTTP in Hindi) ? यह कैसे काम करता है समझ आ गया होगा। मैने इस लेख में बहुत सरल भाषा मे HTTP क्या होता है इसे समझाने की कोशिश की है जो आसानी से हर किसी को समझ आ सकता है।

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