Interpreter क्या है और कैसे काम करता है?

Interpreter क्या हैं? यह एक प्रकार का software programming system हैं। जिसका उपयोग किसी Programming या Scripting language को अन्य प्रोग्रामिंग codes में परिवर्तित करने हेतु किया जाता हैं। यह उच्च-स्तरीय भाषा को सीधे निम्न-स्तरीय भाषा में (मशीनी भाषा) परिवर्तित करने का कार्य करता हैं।

interpreter kya hai in hindi

इंटरप्रेटर को हिंदी में क्या कहते हैं? (Meaning of Interpreter in Hindi) यह अंग्रेजी भाषा का शब्द हैं जिसे हिंदी में “दुभाषिया” कहा जाता हैं। जिसका अर्थ होता है, किसी भाषा या codes को दूसरी भाषा मे ट्रांसलेट करना।

यह codes के सम्पूर्ण रूप को ट्रांसलेट न कर उसकी छोटी-छोटी इकाईयों को ट्रांसलेट करने का कार्य करता हैं। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जनिंगे कि Interpreter क्या हैं (What is Interpreter in Hindi)?.

इंटरप्रेटर क्या हैं – What is Interpreter in Hindi?

व्यक्ति सिर्फ उच्च स्तरीय भाषा को समझने योग्य होता हैं जबकि कंप्यूटर सिर्फ मशीनी भाषा (निम्न स्तरीय भाषा) को समझता हैं। जिस कारण इन दोनों की समस्याओं के समाधान हेतु Compiler या Interpreter की आवश्यकता होती हैं।

प्रोग्रामिंग भाषाओं को दो तरह से लागू किया जाता है – interpretation और compilation. Interpreter, High Level programming Language को विभिन्न codes में परिवर्तित कर देता हैं। जिसे मध्यम वर्गीय भाषा कहा जाता हैं।

सामान्य शब्दों में यह उच्च स्तरीय भाषा को मशीनी भाषाओं के codes के रूप में परिवर्तित करता है। Interpreter प्रत्येक कोड को पृथक रूप से पढ़ता हैं और फिर उसे कंप्यूटर हेतु सीधे प्रस्तुत कर देता हैं।

उदाहरण हेतु जब हम google translate की सहायता से किसी अन्य भाषा को समझने की प्रक्रिया को लागू करते हैं और जो google translate हमें परिणाम प्रदान करता हैं वह परिणाम हमें Interpreter की सहायता से ही प्राप्त होते हैं।

अगर बात करें विभिन्न देशों की मुद्राओं (Currency) को अन्य देशों की मुद्राओं में परिवर्तित करने की प्रक्रिया की तो इन मुद्राओं के रूप में परिवर्तन करने का कार्य भी Interpreter की सहायता से ही सम्पन्न होता हैं।

इसका उपयोग सामान्यतः codes को छोटे-छोटे भागों में (line-by-line) पढ़ने हेतु किया जाता हैं। यह codes की एक-एक इकाइयों का परीक्षण करता हैं। ज्यादातर इसका उपयोग छोटे server के management करने हेतु किया जाता हैं।

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इंटरप्रेटर कितने प्रकार के होते हैं

Interpreter को 4 भागों में विभाजित किया जाता हैं, जो निम्न प्रकार हैं –

  • Bytecode Interpreter: यह इसका प्रथम भाग होता हैं। जिसमें यह सर्वप्रथम source code को bytecode में परिवर्तित करता हैं। यह source codes का एक छोटा भाग होता हैं। इसमें निर्देशों की संख्या को सीमित रखा जाता हैं।
  • Threaded Code Interpreter: इसमें निर्देश असीमित होते हैं क्योंकि इसमें विभिन्न कोड्स को क्रमबद्ध (sequence) रूप से निर्देशित किया जाता हैं।
  • Abstract Syntax Tree Interpreter: इसका कार्य सोर्स कोड को abstract syntax tree (AST) में परिवर्तित करना होता हैं। जिसके पश्चात यह इसके अनुसार ही अपने कार्य को पूर्णता प्रदान करता हैं। यह source code को एक-एक लाइन के रूप में संगठित करता हैं।
  • Self Interpreter: यह इंटरप्रेटर का सबसे मुख्य भाग हैं। यह programming codes के मूल स्वरूप में बदलाव करने का कार्य करता हैं। जिससे किसी भी उच्च स्तरीय भाषा को समझने में यह कंप्यूटर की सहायता करता हैं।

Interpreter Code को Translate कैसे करता हैं

यह programming codes को छोटी-छोटी इकाइयों में translate करने का कार्य करता हैं। यह codes की बड़ी इकाइयों को एक-एक लाइन करके उनमें परिवर्तन करता हैं।

यह source code को मध्यम वर्गीय code के रूप में परिवर्तित करने का कार्य करता हैं। जिससे computer प्रोग्राम उसे तीव्र गति से समझने में सक्षम हो पाता हैं।

जहाँ कम्पाइलर source code को पूर्ण में पढ़ता हैं, वही यह उसको पूर्ण रूप में न पढ़कर छोटी इकाइयों में output प्रदान करता हैं।

इंटरप्रेटर के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages)

फायदे (Advantage): –

यह प्रोग्रामिंग भाषाओं को उसकी छोटी-छोटी इकाइयों में एक-एक लाइन करके उसकी संरचना में परिवर्तित करता हैं जिससे उसके codes को समझने में अधिक सहायता प्रदान होती हैं। इसके कार्य करने के तरीकों एवं इससे प्राप्त होने वाले output को समझना बहुत आसान होता हैं।

यह sequence आधारित होता हैं, अर्थात पहली stage से तब तक दुसरे stage में नहीं जाया जा सकता जब तक पहला stage पूर्ण रूप से सही हो।

यह किसी लाइन में त्रुटि होने पर उसी समय व्यक्ति को सूचित कर देता हैं। जिससे इसके कार्य करने के तरीकों में निपुणता प्राप्त होती हैं।

नुकसान (Disadvantage): –

इसका सबसे बड़ा फायदा इसका सबसे बड़ा नुकसान हैं, अर्थात यह sequence के अनुसार जो कार्य करता हैं। उससे समय अधिक खर्च होता हैं, जिससे उसका समाधान करना अनिवार्य हो जाता हैं।

इसमें समय की खपत इतनी अधिक मात्रा में होती हैं कि लोग इसके उपयोग से अधिक कम्पाइलर का उपयोग करना उचित समझते हैं।

Difference Between Compiler and Interpreter in Hindi

Compiler और Interpreter दोनों के कार्य करना का तरीका लगभग एक जैसा हैं। दोनों एक ऐसे प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर हैं जो उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं को निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं या मशीनी भाषाओं में ट्रांसलेट करने का कार्य करते हैं।

इनके निर्माण के उद्देश्यों में समानता पाए जाने के पश्चात भी यह निम्न कारणों से एक-दूसरे से भिन्न हैं, जो इस प्रकार हैं।

CompilerInterpreter
कम्पाइलर सम्पूर्ण source code को एक साथ read करने का कार्य करता हैं। इंटरप्रेटर भाषाओं को छोटे-छोटे भागो में विभाजित कर sequence में read करने का काम करता हैं।
कम्पाइलर तीव्र गति से काम करता हैं। इसके कार्य की क्षमता धीमी होती हैं।
कम्पाइलर का कार्य काफी जटिल हैं, इसको आम व्यक्ति के लिए समझ पाना मुश्किल होता हैं। इसमें आसानी से कार्य किया जा सकता हैं और इसमें बदलाव करना काफी आसान होता हैं।
कम्पाइलर को कार्य करने हेतु अधिक storage की आवश्यकता होती हैं। इसको कार्य करने हेतु अधिक storage की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि यह एक-एक लाइन (line by line) करके codes को पढ़ता हैं।
कम्पाइलर source codes का पूरा अध्ययन करने के बाद त्रुटियों (error) को प्रदर्शित करता हैं और उसके पूर्ण अध्ययन करने पश्चात ही उसमें सुधार किया जा सकता हैं। यह source codes को एक-एक लाइन करके पढ़ता हैं जिस कारण वह पहली लाइन में हुई त्रुटियों (error) को प्रदर्शित कर देता हैं। जिसके पश्चात ही वह दूसरी लाइन में जाता हैं।
कम्पाइलर का उपयोग C, C++, java जैसी उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं को ट्रांसलेट करने हेतु किया जाता हैं। इसका उपयोग ruby, python जैसी उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं को ट्रांसलेट करने हेतु किया जाता हैं।

संक्षेप में – Conclusion

Interpreter अपना कार्य अधिक शुद्धता के साथ  सम्पूर्ण करता हैं। इसमें कार्य करना compiler की तुलना में अधिक आसान होता हैं। इसमें आसानी से बदलाव किया जा सकता हैं एवं इसके codes को छोटे-छोटे रूप में परिवर्तित किया जा सकता हैं।

यह उच्च स्तरीय भाषा को मशीनी भाषा में translate करने का कार्य करता हैं। यह भाषाओं को समझने में एवं कंप्यूटर के विकास की प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाती हैं। इसका प्रयोग आधुनिकीकरण में बदलावों के कारण अत्यंत आवश्यक हैं।

तो दोस्तों आपने आज इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि Interpreter क्या हैं? What is Interpreter in Hindi. और Interpreter को हिंदी में क्या कहते हैं? Meaning of Interpreter in Hindi. अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने अन्य मित्रो के साथ भी अवश्य शेयर करें।

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