CPU क्या है? | परिभाषा, कार्य और प्रकार

इस लेख में आप जानेगे CPU क्या है? (What is CPU in Hindi) इसके कार्य, पार्ट्स और प्रकार के बारे में.

CPU Kya Hai Hindi

जब भी हम कंप्यूटर की बात करते है, तो CPU शब्द अधिकतर सुनने में आता है. यदि आप कंप्यूटर के hardware parts में रूचि रखते है, तब ये शब्द आपको अक्सर सुनाई देगा. तो सीपीयू क्या होता है?

CPU जिसे हम कंप्यूटर का brain (मस्तिष्क) कहते है, एक प्रकार की processing device है. जो आपके द्वारा कंप्यूटर में इनपुट की गयी जानकारी को प्रोसेस करके उसका परिणाम आपको देती है.

यह बिलकुल एक इंसानी दिमाग की तरह काम करता है. जैसे दिमाग के बिना हम कुछ नहीं कर सकते वैसे ही एक कंप्यूटर या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इसके बिना एक भी प्रकिया नहीं कर सकता.

अर्थात कंप्यूटर जो भी कार्य करता है, उसमे CPU का एक महत्वपूर्ण योगदान है. इसीलिए इसे कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग माना जाता है. आमतौर पर इसको Processor या Microprocessor जैसे नामों से अधिक जाना जाता है.

ये कई प्रकार के होते है. अगर आप सुनते है, dual-core या quad-core तो ये CPU के विभिन्न प्रकारो के नाम है. इसके अलावा ये कंप्यूटर की बेहतर परफॉरमेंस के लिए भी जिम्मेदार होता है.

एक कंप्यूटर की क्षमता पूरी तरह से CPU पर निर्भर करती है. अगर आप एक फ़ास्ट कंप्यूटर चाहते है,  तो उसके लिए सीपीयू के बारे में जानकारी होना जरुरी है.

सीपीयू क्या है – What is CPU in Hindi?

CPU की फुल फॉर्म है, Central processing unit. जिसे processor या microprocessor भी कहा जाता है. ये कंप्यूटर का एक प्राथमिक घटक है, और इसे अक्सर कंप्यूटर का दिमाग “brain of the computer” भी कहते है.

CPU को हिंदी में केंद्रीय प्रचालन तंत्र कहा जाता है. इसका मुख्य कार्य कंप्यूटर को दिए गए निर्देश (instructions) को प्रोसेस करना है. अर्थात कंप्यूटर पर किये जाने वाले कार्य व प्रक्रियाए CPU द्वारा किसी न किसी रूप में की जाती है.

आसान भाषा में यह कंप्यूटर का वो भाग है, जो सभी arithmetical, logical और input/output operations को कंट्रोल करता है. इसका मुख्य कार्य कंप्यूटर को दिए गए निर्देशों को प्रोसेस करना है. प्रत्येक टास्क जो हम अपने कंप्यूटर में करते है, उसे CPU द्वारा प्रोसेस किया जाता है.

समझने के लिए एक सरल उदाहरण लेते है. मान लीजिये आप दो नंबर को जोड़ने के लिए कंप्यूटर में कीबोर्ड का उपयोग करते है. तो इसके लिए आप सबसे पहले कीबोर्ड के माध्यम से उन नम्बरों को एंटर करेंगे.

अब keyboard controller उस इनफार्मेशन या डाटा को binary code (0 – 1) में बदल देगा. वो इसलिए क्युकी कंप्यूटर बाइनरी सिस्टम पर काम करता है.

जब यह डाटा CPU तक पहुँचता है, तो इसमें मौजूद ALU (Arithmetical Logical Unit) जो सभी mathematical और logical operation के लिए जिम्मेदार है. इस संख्या को जोड़कर रिजल्ट आपके computer monitor पर डिस्प्ले कर देता है.

कुल मिलाकर CPU सभी प्रोसेस को निष्पादित करने के लिए जिम्मेदार है. अब जब इतना लोड इस पर है, तो वो अक्सर गर्म हो जाता है. इसी गर्मी से बचने के लिए इसके उप्पर cooling fan लगाया जाता है.

एक कंप्यूटर में CPU आपको Motherboard में मौजूद CPU socket में लगा हुवा दिखाई देगा. देखने में ये एक square shape की chip होती है. जो हजारों transistors की पतली परत से मिलकर बनी होती है.

इन ट्रांजिस्टर की मदद से ही CPU किसी input device या computer program से इनपुट प्राप्त करता है और उसकी प्रोसेसिंग करने के बाद output device को परिणाम भेजता है.

दुनिया का पहला CPU, 1970 के दशक में Intel द्वारा बनाया गया था. तब से लेकर आज तक इसके डिज़ाइन और कार्यान्वयन में कई बदलाव आ चुके है. परन्तु इसके फंडामेंटल ऑपरेशन अर्थात काम करने के तरिके में ज्यादा बदलाव नहीं आया है.

CPU एक कंप्यूटर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है. इसको महत्वपूर्ण बनाने में इसके पार्ट्स का बहुत बड़ा योगदान है. तो चलिए उनके बारे में जानते है.

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CPU के Components और उनके कार्य

नीचे CPU के 4 प्रमुख घटकों (components) और उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यो के बारे में बताया गया है, जो इस प्रकार है:

  1. Arithmetic logic unit (ALU)
  2. Control unit (CU)
  3. Registers या Memory unit
  4. System buses

1. Arithmetic Logic Unit (ALU)

CPU के भीतर सभी arithmetic और logical operations को करने के लिए ALU जिम्मेदार है. इसके द्वारा किये जाने वाली सभी calculations जैसे – addition, subtraction, multiplication, division और comparison इन सभी प्रक्रियाओं की प्रोसेसिंग करने का काम ALU का होता है. इसे CPU का एक महत्वपूर्ण भाग माना जाता है.

ALU को CPU core भी कहा जाता है. एक कंप्यूटर कितनी तेज किसी प्रक्रिया को पूर्ण करेगा ये CPU core पर ही निर्भर करता है. अक्सर आपने एक कंप्यूटर को खरीदते वक्त सुना होगा कि एक processor, single core या dual core का है. तो यहाँ पर कोर का मतलब ALU से है.

2. Control Unit (CU)

Control unit भी CPU का एक प्रमुख घटक है. ये कंप्यूटर में घटित होने वाले सभी operations को control और direct करने का काम करता है. आसान भाषा मे आपके द्वारा input किये गए instructions या data को computer system की दूसरी unit तक transfer करने का काम CU का होता है.

इसके लिए ये सबसे पहले memory register से instructions को receive करता है, फिर उन्हें interprets करने के बाद निर्देशों के अनुसार अन्य unit तक भेज देता है. ये system clock की दिशा में कार्य करता है, जिसकी वजह से यह सुनिश्चित हो पाता है कि data उसके सही स्थान पर पहुँच सके.

3. Registers या Memory Unit

यह CPU की temporary storage है, जहां processing के लिए आये data या निर्देशो को store किया जाता है. ये information को bits की form में रखता है. ये रजिस्टर अलग-अलग capacity के होते है. जैसे – 2-bit, 4-bit या 8-bit register, etc.

इसमें रखे डेटा को CU प्रोसेसिंग के लिए ALU तक ले जाता है. ये मेमोरी एक कंप्यूटर मेमोरी नही होती है, बल्कि इसे CPU की local storage कहा जाता है, जो process किये जा रहे data को hold करके रखती है.

इन Registers के कई अन्य वर्ग होते है, जिन्हें नीचे दर्शाया गया है:

  • Memory Address Register (MAR): जब computer memory से data processing के लिए CPU के पास आता है, तो उसका एक address होता है. उन एड्रेस को store करने के लिए MAR का उपयोग किया जाता है.
  • Memory Data Register (MDR): यह मेमोरी से receive data या instructions को hold करता है.
  • Program Counter (PC): ये next instructions को hold करके रखता है.
  • Current Instructions Register (CIR): processor द्वारा decode और execute किये जा रहे current instructions को होल्ड करता है.
  • Accumulator Register (AR): जब कोई प्रोग्राम या निर्देश CPU द्वारा निष्पादित कर दिया जाता है, अर्थात उस process का जब result निकलता है. तो उसे ये AR ही hold करके रखता है.

4. System Buses

CPU और memory के बीच डेटा को ले जाने के लिए इन system buses का उपयोग होता है. ये cable और connectors से बना एक मार्ग है. computer system के विभिन्न घटकों के बीच data और control signals का आदान-प्रदान हो सके इसके लिए ये buses एक communication path के रूप में कार्य करती है.

Computer system में मुख्य तीन प्रकार की सिस्टम बस होती है –

  • Address bus: निर्देश या डेटा के पतों को ले जाती है.
  • Data bus: मेमोरी और प्रोसेसर के बीच डाटा को ले जाती है.
  • Control bus: नियंत्रण संकेतों को ले जाने का काम करती है.

सीपीयू के प्रकार – Types of CPU in Hindi

जब आप कोई नया कंप्यूटर खरीदते है या उसे खुद से निर्माण करने की सोचते है. तो उसके लिए central processing unit का चयन सबसे महत्वपूर्ण है. क्योंकि आप जानते है, एक CPU यानी प्रोसेसर किसी कंप्यूटर के सभी महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट को संभालता है.

एक कंप्यूटर सिस्टम की परफॉरमेंस उसके प्रोसेसर पर ही निर्भर करती है. नीचे बताये गए CPU के विभिन्न प्रकार को पढ़कर आप जान पाएंगे कि कौन सा आपके कंप्यूटर के लिए बेहतर रहेगा.

Single-core CPUs

इस प्रकार के CPUs एक समय मे सिर्फ एक सिंगल प्रोसेस को निष्पादित कर पाते है. core किसी CPU की क्षमता को निर्धारित करते है. ये सबसे पुराने प्रकार के चिप है. जिन्हें पहले के सिस्टम में उपयोग किया जाता था.

जिन सिस्टम में Single-core CPU लगे होते है, उनकी परफॉरमेंस बहुत अच्छी नही होती है. खास कर Multi-tasking में. एक से अधिक प्रोग्राम या एप्लीकेशन चलाने पर आप देखेंगे उनकी प्रोसेसिंग क्षमता slow होने लगेगी।

Single-core होने के कारण एक ऑपरेशन पूर्ण होने के बाद ही दूसरे का नंबर आता है. इससे दूसरे ऑपेरशन को प्रोसेसिंग के लिए इंतजार करना पड़ता है. इस प्रकार के CPUs की परफॉरमेंस इनकी clock speed पर निर्भर करती है. जो यह निर्धारित करता है कि सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कितनी जल्दी निर्देशों को पुनः प्राप्त और उनकी व्याख्या कर सकता है।

Dual-core CPUs

नाम से ही पता चलता है, कि इन CPU में two core होते है. यानी हम कह सकते है, कि इसमें अधिक क्षमता होती है. अब क्योंकि Dual-core में दो CPU की क्षमता होती है, तो वे single core के मुकाबले में एक से अधिक ऑपरेशन को परफॉर्म कर पाते है. इनकी प्रोसेसिंग स्पीड भी single-core की तुलना में अधिक होती है.

प्रक्रियाओं को करने के लिए ये जिस प्रद्योगिकी का उपयोग करते है, उसे dual-core technology कहते है. एक बात ध्यान रखने वाली है, कि यह एक समय मे सिर्फ एक ही प्रक्रिया का निष्पादन कर सकता है. परन्तु इस तकनीक के माध्यम से एक single silicone chip में दो cores को जोड़ दिया जाता है.

Quad-core CPUs

इसका मतलब है, four core वाले CPU. अर्थात प्रत्येक core स्वतंत्रता के साथ किसी प्रोग्राम को प्रोसेस और निष्पादित कर सकता है. आप कह सकते है, की एक कंप्यूटर सिस्टम का कार्यभार चार जगह विभाजित हो जाता है. आजकल के multi-tasking माहौल में इस प्रकार के CPU अधिक देखने को मिलते है.

कंप्यूटर पर चलने वाले प्रोग्राम व operating system, quad-core CPU की क्षमताओं का उपयोग कर पाए इसके लिए उनमे एक खास प्रकार का code होता है, जिसे SMT code (simultaneous multi-threading technology) के नाम से जाना जाता है. यह multiprocessor architecture पर काम करते है. उप्पर बताये गए single और dual-core से क्षमताओं के मामले में ये एक बेहतर CPU है.

सीपीयू कैसे काम करता है – Working of CPU in Hindi

अब तक आप जान चुके होंगे कि CPU किसे कहते है लेकिन ये कैसे काम करता है ये जानना काफी दिलचस्प है. आज हमारे पास अलग-अलग परफॉरमेंस वाले CPUs उपलब्ध है, लेकिन किसी भी टास्क को करने के लिए ये एक ही तरीके का पालन करते है.

जब किसी प्रोग्राम या इनपुट डिवाइस के माध्यम से इसे निर्देश दिए जाते है. तो उन्हें निष्पादित करने के लिए यह तीन चरणों मे काम करता है, जिसमे fetch, decode और execute करने की प्रक्रिया शामिल है.

Working of CPU with Block Diagram

Fetch: इस प्रक्रिया में CPU द्वारा निर्देश को प्राप्त किया जाता है. ये निर्देश बाइनरी नंबर की सीरीज में होते है, और RAM से CPU को दिए जाते है. यह एक निर्देश को सीधे प्राप्त नही करता है, बल्कि पहले मेमोरी में उन निर्देशों को कई sets में अलग किया जाता है. यानी कि एक बड़े ऑपरेशन के कई छोटे ब्लॉक बनाये जाते है. जिसके बाद यह एक-एक करके निर्देश के उन टुकड़ों को प्राप्त करता है.

अब जब एक निर्देश कई छोटे sets में बंट जाता है, तो CPU कैसे पता करे कि पहले प्राप्त किये गए निर्देश का अगला भाग कौन सा होगा. ऐसा करने के लिए, इसमे एक program counter होता है. जो निर्देशो के एड्रेस को होल्ड करके रखता है. यानी ये CPU को बताएगा कि ये निर्देश का पहला भाग है और अब उसे दूसरे भाग को प्राप्त करना है.

इन निर्देश को एक register में स्टोर किया जाता है, जिसे instructions register (IR) कहते है. एक बार ऐसा हो जाने के बाद, program counter उसके अगले निर्देश के एड्रेस को रेफरेन्स देने के लिए उसमे एक जोड़ देगा.

Decode: एक बार जब CPU उन निर्देशों को सफलतापूर्वक प्राप्त करके उन्हें instruction register में स्टोर कर लेता है. जिसके बाद decode की प्रक्रिया होती है. ऐसा करने के लिए यह निर्देश को एक विशेष सर्किट पर ले जाता है, जिसे instruction decoder कहते है. यहाँ उस निर्देश को signal में कन्वर्ट किया जाता है. इसके बाद उस signal को CPU के विभिन्न भागो में भेजा जाता है ताकि उन पर एक्शन लिया जा सके.

Execute: अंत में decode हुए निर्देशों को निष्पादित किया जाता है. जिसके बाद उन्हें output के रूप CPU register में स्टोर कर दिया जाता है, ताकि डिकोड होकर आने वाले अन्य निर्देश उन्हें रेफेरेंस कर सके. इसके बाद निर्देश की मांग के अनुसार या तो उसे आउटपुट डिवाइस को दे दिया जाता है या फिर उसे सिस्टम की secondary storage पर सेव कर दिया जाता है.

CPU Models

कंप्यूटर का दिमाग कहे जाने वाले central processing unit आजकल कई अलग-अलग models में उपलब्ध है. ये मॉडल्स खास कर Intel और AMD जैसी प्रसिद्ध कंपनियों द्वारा बनाये गए है. जिनमे कुछ CPU models निम्नलिखित है.

Core Class (i3, i5, i7 and i9)

Intel ने 2008 में Core “i” series की शुरूवात की थी. इसी मॉडल ने पहले उपयोग होने वाले Core Duo और Solo CPUs की जगह ली थी. ये सभी मॉडल अलग-अलग परफॉरमेंस वाले सिस्टम के लिए बनाए गए है. यदि आप Intel के इन CPU models को उपयोग में लेना चाहते है. तो आपको इनके बीच का अंतर पता होना चाहिए.

Core i3: Intel के इस प्रोसेसर मॉडल को समान्य यूजर और बजट गेमर के लिए डिज़ाइन किया गया है. i3 processor आमतौर पर 4 cores व 4 thread पर आधारित होता है.

Core i5: ये CPU, 6 cores और 6 thread पर आधारित है, जिसे एक गंभीर यूजर की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

Core i7: इस मॉडल में Core i5 की तरह ही 6 cores होते है, लेकिन threads की संख्या 12 होती है. जिसकी वजह से ये multitasking में काफी मदद करता है. अगर आप उच्च स्तर का सिस्टम चाहते है, तो Core i7 एक बेहतरीन विकल्प है.

Core i9: ये मॉडल अभी सबसे लेटेस्ट है, जिसमे 10 cores और 20 threads मौजूद है. हाल ही में लॉन्च हुवा Core i9 अब तक का सबसे बेहतरीन processor माना जाता है.

Pentium Class (Pentium, Celeron, Xeon)

सबसे पहले Pentium CPU model को Intel द्वारा 1993 में पेश किया गया था. ये general purpose computers में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले मॉडल थे. हालांकि 2006 में जब core series के प्रोसेसर पेश किए गए तब इनका उपयोग काफी हद तक कम हो गया. परन्तु आज भी Pentium 4 dual core को काफी PCs में उपयोग किया जाता है.

AMD (Athlon, Duron, Sempron, Opteron, Phenom, Ryzen)

AMD दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी CPU manufacturer कंपनी है. इसने अपना पहला Pentium-compatible CPU (K5) 1994 में पेश किया था. इसके बाद AMD ने अपने बाकी processor models को एक के बाद एक बाजार में उतारा. उप्पर दिए गए नाम इसके द्वारा पेश किए गए मॉडल्स है.

इसके अलावा भी कई दूसरे मॉडल उपलब्ध है. परन्तु उप्पर बताये मॉडल्स सबसे अधिक उपयोग में लिए जाते है. तो अगर आप एक कंप्यूटर सिस्टम बनाना चाहते है, उसके लिए अपनी जरूरत के हिसाब से processor का चुनाव करना होगा. इसके अलावा यह भी देख ले कि आपके द्वारा चुना गया प्रोसेसर आपके motherboard को सपोर्ट करता हो.

अपना सीपीयू मॉडल कैसे देखे

अगर आप अपने PC के CPU model और उसकी डिटेल चेक करना चाहते है, तो उसके लिए आपको हमारे द्वारा बताए गए तरीके को फॉलो करना है. इस तरीके से न केवल आप अपने सीपीयू के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे बल्कि एक कंप्यूटर सिस्टम की सभी technical specifications को भी देख पाएंगे. इसके बारे में जानने के कई तरीके है.

अगर आप Windows और pause key को एक साथ press करेंगे तो आपके सामने system information की window ओपन हो जाएगी. इसमे आपको पता चलेगा processor name (e.g. Intel, AMD, Pentium), model (e.g. Core i5), model number (e.g. 3570), frequency (e.g. 3.40GHz), number of cores (e.g. 4 CPU), etc.

एक दूसरा तरीका भी है, जिसमे आप Window menu पर जाकर Run सर्च करे. अब इस सॉफ्टवेयर को ओपन करे. अब यहां पर आपको msinfo32 ये कमांड टाइप करके एंटर करना होगा. आपके सामने system information की विंडो खुल जाएगी.

CPU Core और Thread क्या है

CPU के एक भाग को core कहा जाता है, ये प्रोसेस को निष्पादित करने के लिए जिम्मेदार होता है. यदि किसी CPU में single-core है. तो इसका मतलब वह एक समय मे सिर्फ एक ही टास्क को कर सकता है. यदि eight core है, तो वह विभिन्न टास्क को एक ही समय में कर सकता है. जितने ज्यादा cores किसी CPU में होंगे वह उतना ही अधिक कुशल और फ़ास्ट होगा.

Threads एक core का logical भाग है. जिस प्रकार CPU के भाग को core कहा जाता है, उसी प्रकार से core के भाग को threads कहते है. threads की संख्या cores की संख्या पर निर्भर करती है. यदि कोई CPU dual-core है, तो उसमें 4 threads होंगे. यानी प्रत्येक कोर में दो थ्रेड होते है.

उदाहरण के लिए एक कंपनी है, जिसमें दो व्यक्ति काम करते है. अर्थात core की संख्या दो है. उनमें प्रत्येक व्यक्ति के पास दो हाथ है, यानी thread की संख्या चार है. कुल मिलाकर CPU एक समय मे कितने कार्य करेगा ये उसके cores और threads पर निर्भर करता है.

कंप्यूटर में सीपीयू कहां स्थित है (Where is CPU located)

CPU placed into the CPU socket in motherboard

अक्सर हम जब भी CPU का नाम सुनते है, तो हमारे दिमाग मे एक बड़े काले बॉक्स की तस्वीर घूमने लगती है. खासकर उनके जो कंप्यूटर के बारे में ज्यादा जानकारी नही रखते है. उन्हें लगता है, वो बड़ा सा बॉक्स ही CPU है. परन्तु ऐसा नही है, वो एक PC cabinet है, जिसके अंदर कंप्यूटर के सभी आंतरिक पार्ट्स मौजूद रहते है.

इन्ही आंतरिक पार्ट्स में CPU भी शामिल है, जो छोटी तथा square shape की एक chip होती है. ये motherboard पर CPU socket में फिट की जाती है. चूँकि CPU थोड़ी देर चलने के बाद अक्सर गर्म हो जाता है. जिससे बचने के लिए इसके उप्पर cooling fan लगा होता है. इसीलिये जब भी आप कैबिनेट खोलेंगे उसमे आपको CPU इसी पंखे के नीचे मिलेगा.

सीपीयू कैसे बनता है

सीपीयू कैसे बनाया जाता है, ये समझना थोड़ा जटिल है. परन्तु फिर हम आपको एक आसान भाषा मे समझाने की कोशिश करेंगे. एक CPU को बनाने के लिए रेत यानी sand को उपयोग में लिया जाता है. रेत में silicone dioxide काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो semiconductor बनाने के लिए जरूरी पदार्थ है.

सबसे पहले चरण में sand को high temperature में गर्म किया जाता है. उसके बाद विभिन्न chemicals की मदद से उसे purify किया जाता है. जिसके फलस्वरूप हमे cylinder shape में silicone प्राप्त होता है इसे ingot कहते है. अब एक पतली आरी से उस ingot को कई slices में cut किया जाता है, उन्हें हम wafers कहते है.

उसके बाद काटी गयी इन slices को photosensitive chemical से polish किया जाता है. अगले चरण में transistor के design को उन silicon slices पर ultraviolet laser के माध्यम से print किया जाता है. एक बार जब उन स्लाइस पर ट्रांजिस्टर का डिज़ाइन छप जाता है, तो हम उन्हें काफी tiny wires के use से आपस मे connect करते है.

अंत के चरण में उन्हें test किया जाता है और उसके बाद उस silicon chip को metal cover में बंद करके आप तक भेज दिया जाता है. हालांकि ये प्रोसेस इतना आसान नही होता है. परन्तु हमने आपको एक आसान भाषा में समझाने की कोशिश की उम्मीद है, आपको जानकारी समझ मे आयी होगी.

Central Processing Unit की Importance

अगर आपसे कोई सवाल करे कि एक CPU की कंप्यूटर या किसी दूसरी computing device में क्या महत्वत्ता है. तो इसका जवाब आप क्या देंगे. देखिए जवाब बहुत आसान है CPU के बिना computer ऐसा ही है, जैसे बिना दिमाग का इंसान.

यानी कोई भी task जो आप सिस्टम को देंगे वो ना तो उन्हें समझ पायेगा और न ही उस पर कोई output आपको प्राप्त होगा. हालांकि पहले भी हमने आपको बताया कि एक कंप्यूटर को कार्य करने के लिए उसके सभी components महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.

संक्षेप में – Conclusion

आपने इस लेख में जाना CPU क्या है और ये क्या काम करता है. जिसके अंतर्गत हमने आपको सीपीयू के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है. यदि आप सुनते है, processor या microprocessor तो ये कोई अलग विषय नही है. बल्कि CPU के ही दूसरे नाम है तो इनमे परेशान न हो. यदि आप इस पोस्ट को समझ के पढ़ेंगे तो सीपीयू में ऐसी कोई भी चीज नही जिसके बारे में आप न जान पाए.

तो उम्मीद है इस पोस्ट सीपीयू क्या होता है (What is CPU in Hindi) से आपको बहुत कुछ जानने को मिला होगा. परन्तु यदि आपको इस पोस्ट में किसी जानकारी का अभाव लगता है या आपके पास इससे सम्बंधित कोई सवाल है. तो कृपया नीचे comment कर हमें जरूर बताये. आपके सुझाव हमारे लिए बहुत मायने रखते है.

32 thoughts on “CPU क्या है? | परिभाषा, कार्य और प्रकार”

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    • धन्यवाद राधा, आपके सुंदर कमेंट के लिये हमें खुशी है कि आपको ये जानकारी ज्ञानवर्धक लगी।

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  3. इतनी साधारण तरीके से समझाने के लिऐ दिल से धन्यवाद।

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