UPS क्या है और इसका क्या काम है

Computer पर काम करते समय यदि बिजली चली जाए तो आपका कंप्यूटर तत्काल shut down हो जाता है इस unexpected power failure के कारण आपको डेटा हानि या आंतरिक हार्डवेयर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. तो इस पोस्ट पर हम इसके solution के बारे में बात करेंगे और जानेंगे UPS क्या है और इसका क्या काम है?

यूपीएस क्या है? – What is UPS in Hindi

UPS kya hai in hindi
यूपीएस का चित्र

UPS या Uninterruptible Power Supply हिंदी में अबाधित विद्युत आपूर्ति एक पावर सप्लाई सिस्टम है जो main power fail हो जाने की स्थिति में भी कुछ समय तक computer को ON रखता है. इसके लिए UPS के अंदर एक battery लगी होती है जो power outage अर्थात बिजली चले जाने पर भी short time (10 से 15 मिनट) के लिए computer को electricity प्रदान करती है.

यदि कोई उपयोगकर्ता computer में काम कर रहा हो और suddenly power cut हो जाए तो उसको data loss और hardware damage जैसी समस्याएं आ सकती है. इसके विपरीत अगर आप UPS का इस्तेमाल करते है तो बिजली चले जाने पर ये आपको कुछ समय के लिए battery backup प्रदान करता है जिसमें आप अपना data save करके computer को safely shut down कर सकते है.

Electrical equipment के लिए UPS एक immediate power source है. ये न सिर्फ computer को power failure से बचाता है बल्कि मुख्य आपूर्ति समस्याएं जैसे voltage spike, surges, noise, और voltage fluctuations से भी कंप्यूटर को protect करता है.

यूपीएस का क्या काम होता है

UPS द्वारा किये जाने वाले कुछ प्रमुख Functions:

  • यूपीएस का पहला काम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे PC, Servers, और Audio video devices को main power cut हो जाने की स्थिति में battery backup प्रदान करना है.
  • Load अर्थात इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को voltage surges और spikes से भी protect करता है. जिससे आपकी डिवाइस को कोई नुकसान नही पहुँचता है.
  • Electric line से मिलने वाली noisy power को smooth करता है.
  • आपके device को short-circuit होने की स्थिति में protection प्रदान करता है.
  • यदि input supply off हो जाये तो UPS के अंदर लगी battery के द्वारा load को continues supply मिलती रहती है.

विभिन्न प्रकार के यूपीएस – Types of UPS in Hindi

UPS system को मुख्य तीन varieties में बांटा जाता है, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है:

Single-conversion system

इन “UPS” का उपयोग normal operation में किया जाता है जैसे desktop computer के लिए. यदि AC input supply अपनी predefined limit से अधिक हो जाती है, तो UPS अपने inverter को utilize करके इसमे लगी battery से current लेना शुरू कर देता है साथ ही damage से बचने के लिए AC input supply को disconnected कर देता है.

UPS उस समय तक कंप्यूटर को battery power में run करता है, जब तक कि main source की AC input normal न हो जाये या battery में power न बचे. ये आज उपयोग होने वाली most basic UPS topology है. Standby और line-interactive इसके दो प्रमुख design है:

  • Standby UPS उस समय तक electronic equipment को battery power में switch नही करते है जब तक कि ये किसी problem को detect न कर ले.
  • Line-interactive UPS, input utility voltage को up or down-regulate करने के बाद load तक power supply करते है. हालांकि standby UPS की तरह ही frequency abnormalities के against ये battery का use करते है.

Double-conversion system

नाम से ही मालूम होता है कि इन UPS system में दो बार (twice) power convert की जाती है. इसमे सबसे पहले input rectifier, AC power को convert करता है, DC power में और फिर उसे output inverter में feed करता है. दूसरे चरण में output inverter इस DC current को फिर से AC में convert करके electronic equipment तक पावर सप्लाई करता है.

सामान्य ऑपेरशन में, एक double-conversion UPS मुख्य पावर को continually processes करता है twice बार. यदि AC input supply अपनी predefined limits से out हो जाती है, तो इसमे लगा input rectifier तत्काल shut off हो जाता है और output inverter चालू होकर battery से power draw करने लगता है. Input power के normal होते ही ये बैटरी से पावर लेना बंद कर देता है.

यदी कभी inverter पर overload बढ़ जाये या rectifier और inverter fail हो तो ऐसी situation में static switch ON हो जाता है और bypass path से load को supply की जाती है.

Multi-mode system

इनमें single और double-conversion system के features को combine कर दिया जाता है, जिससे इन UPS की efficiency और reliability में काफी improvement होता है. यदि condition normal हो तो UPS system, line-interactive mode में operate होता है. जिससे energy save होती है, साथ ही ये main power में होने वाली common problem को भी resolve करता है.

अगर AC input power, line-interactive mode के हिसाब से high होती है, तो UPS system उस समय automatically switch कर जाता है double-conversion mode में. इसके साथ ही ये incoming AC source को loads से isolate कर देता है. ऐसे स्तिथि में जब main power source off हो जाये यानी बिजली चली जाए तो ये उपकरण को चलाने के लिए battery से power लेता है.

Multi-mode UPS को उन devices में उपयोग किया जाता है, जिन्हें high efficiency और protection की आवश्यकता होती है. Data center में इन को अधिक उपयोग में लिया जाता है.

UPS का Basic Structure

विभिन्न प्रकार के UPS का structure एक-दूसरे से different होता है, इसलिए हम online UPS के बारे में जानेंगे. इस UPS system के कुल पांच मुख्य भाग होते है:

  1. Rectifier
  2. Inverter
  3. Bypass
  4. Switch
  5. Battery.

Rectifier: ये main circuit से आने वाली AC voltage को DC voltage में convert करता है. इसके अलावा बैटरी को चार्ज करता है, फ्लोट वोल्टेज को बनाये रखता है, ओवरलोड और बफर सर्जेस को हैंडल करता है और व्यापक इनपुट वोल्टेज में उतार चढ़ाव को स्वीकार्य करता है.

Inverter: इस circuit का काम rectifier द्वारा भेजी गई DC supply को accept करके उसे AC supply में convert करना होता है. साथ ही ये AC current को regulate और filter करके load को देता है.

Bypass: यूपीएस में मौजूद ये circuit, directly AC power का उत्पादन करता है. overload या fault होने की situation में ये automatically load को mains supply से connect कर देता है.

Switch: Circuit जो load को मिलने वाली supply को inverter output और bypass output के बीच switch कराता है requirement के हिसाब से.

Battery: ये किसी भी UPS system में उसके heart की तरह है. ये आपको emergency power supply करता है ताकि आप बिजली जाने के बाद अपने कार्य को सुरक्षित कर पाए.

UPS कैसे काम करता है

UPS working principle with block diagram
UPS Block Diagram

आइये उप्पर दिए गए चित्र के माध्यम से एक Off-line UPS की कार्यप्रणाली को समझते है. ये UPS system अधिकतर हम अपने PC के साथ उपयोग में लेते है. इसमे सबसे पहले primary source से AC current को UPS में input किया जाता है. इस system में एक line, rectifier तक जाती है जहाँ AC voltage को DC में convert करके battery में store किया जाता है.

दूसरी तरफ एक सीधी line, transfer switch से load तक जाती है. जब तक main power fail न हो जाये उस समय तक computer को इसी लाइन से AC voltage दी जाती है. अब जैसे ही power breakage होता है, तो transfer switch बिजली के प्रवाह को change करके backup source से power लेना शुरू कर देता है.

जब UPS इस power breakage को detect करता है तो पहले battery में store DC voltage को बैटरी से जुड़े inverter तक भेजा जाता है. जहां ये फिर से AC voltage में convert होती है. जिसके बाद इन्वर्टर से होते हुए AC को load तक transfer कर दिया जाता है. तो इस तरह एक off-line UPS हमे emergency के समय power supply करता है.

एक प्रकार से ये UPS दुसरो के मुकाबले cheap है, साथ ही ये backup के अलावा surge protection भी प्रदान करते है. Power outage के दौरान ये लगभग 25 milliseconds में battery से power draw करना शुरू कर देता है. यही कारण है कि आपकी device बिजली चले जाने पर भी चालू रहती है.

Application of Uninterruptible Power Supply

UPS system आज के समय कई industries के लिए एक important power solution है. IT environment वाले क्षेत्रों में आपको लगातार बिजली की आवश्यकता होती है इसीलिये आपको back-up power की जरूरत होती है. तो आइए विभिन्न प्रकार के UPS application के बारे में जानते है.

PC UPS

इस तरह के यूपीएस का उपयोग आमतौर पर PCs, POS terminals, और small file server के लिए होता है. ये आकार में ज्यादा बड़े नही होते और एक internal battery के साथ आते है. इनमे सभी तरह की electric problem से निपटने की capability होती है. हमारे घरों और ऑफिस में अधिकतर इन्हें उपयोग में लिया जाता है. ये UPS system, standby या line-interactive UPS होगा.

Comms और Server Room UPS

आमतौर पर इन UPS को बड़े ICT installation जैसे – server और comms rooms में power backup प्रदान करने के लिए यूज किया जाता है. इनमे single-phase output और three-phase input के विकल्प शामिल होते है. इन environment के लिए आमतौर पर off-line interactive और on-line UPS वाले design शामिल है. ये medium size के होते है और एक computer room में लगाए जाते है.

Datacenter UPS

यह एक large UPS system है, जिन्हें data centers और telecoms switching centers जैसे अधिक बिजली की आवश्यकता वाले अनुप्रयोगों में यूज किया जाता है. ये uninterruptible power supply एक केंद्रीकृत या विकेंद्रीकृत बिजली सुरक्षा योजना के हिस्से के रूप में स्थापित की जाती है.

Network UPS

ये अधिकतर network servers और telecoms system के लिए उपयोग में लिए जाते है. इनके साथ additional battery का option भी दिया जाता है. ये on-line double-conversion system या line-interactive UPS होंगे.

Types of UPS Batteries

तीन मुख्य प्रकार की यूपीएस बैटरी है:

  • VRLA batteries
  • Flooded Cell/VLA batteries
  • Lithium-lon batteries.

Valve Regulated Lead Acid (VRLA)

आज के UPS units में इस type की batteries का यूज होता है. VRLA batteries को seal करने के बाद ही किसी system में लगाया जाता है. इन battery को आमतौर पर किसी भी maintenance की आवश्यकता नही होती है. High specific power, lower internal resistance और lower cost के कारण अधिकतर UPS में इनका उपयोग किया जाता है.

ये fast charge होती है और short duration में high current दे सकती है. Valve regulated शब्द battery से gas release करने के तरीके से सम्बंधित है. यदि battery में gas pressure बहुत अधिक होता है, तो एक निश्चित दबाव तक गैस पहुचने पर valve बंद हो जाएगा.

Flooded Cell या VLA batteries

Flooded LA batteries में plates होती है जो electrolyte acid में डूबी होती है. चूंकि ये seal नही होती इसलिए operation के दौरान generate hydrogen सीधे environment में चली जाती है. जिन UPS में ये batteries इस्तेमाल होती है उनके ventilation system अधिक powerful होते है VRLA की तुलना में. ज्यादातर मामलो में इनके battery banks को एक dedicated room में रखा जाता है.

इन flooded batteries को सीधा रखा जाना चाहिए और उनका water levels हमेशा manually रूप topped up होना चाहिए. ये sealed LA batteries की तुलना में लंबी उम्र और विश्वनीयता प्रदान करते है.

Lithium-lon batteries

Lithium-ion battery में cathode बना होता है metal oxide का वही anode बना होता है carbon graphite का. ये दोनों lithium salt और organic solvent से बने liquid electrotype में डूबे होते है. Discharge के दौरान, ions का flow इसके anode से cathode की तरफ होता है. electrotype और separator के माध्यम से इसके direction को reverse करके cathode से anode तक प्रवाह करते है.

ये अधिकतर non-traditional UPS system में उपयोग होते है जैसे grid sharing और industrial process में. उप्पर बताई गए दो विकल्पों की तुलना में ये सबसे expensive होते है.

भारत के प्रमुख कंप्यूटर यूपीएस निर्माता

  1. APC
  2. Microtek
  3. Intex
  4. Circle Power backup
  5. Artis UPS
  6. Zebronics
  7. Luminous UPS
  8. V-GUARD
  9. iBall Nirantar UPS.

UPS System के फायदे

1) UPS, बिजली चले जाने पर भी इससे connected equipment को continuity अर्थात निरंतरता प्रदान करता है.

2) Electricity में होने वाली सभी गड़बड़ियों जैसे surges, spikes, dips और failure के खिलाफ protection देता है.

3) इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के Internal system को clean power मिल पाए इसके लिए UPS में filter के द्वारा power को refine करके load तक दिया जाता है.

4) एक UPS गंभीर मौसम में lighting strikes के against होने वाले damage से भी उपकरणों को protect करता है.

5) यूपीएस power supply में होने वाली fluctuations को detect करके तुरन्त switch के माध्यम से धारा प्रवाह को आवश्यकता अनुसार बदलता रहता है.

Conclusion

इस लेख में आपने जाना UPS क्या है और इसका क्या काम है? जिसके अंतर्गत हमने आपको बताया कि PC के लिए यूपीएस जरूरी क्यों होता है. अगर आप ऐसे किसी electronic equipment का इस्तेमाल करते है जिसमे लगातार बिजली की आवश्यकता होती है, तो आपको power backup के रूप में UPS का इस्तेमाल करना ही चाहिए. ये न सिर्फ आपको power outage से बचाता है बल्कि कई तरह की electric protection भी देता है.

तो उम्मीद है, इस पोस्ट में आप अच्छे से समझ चुके होंगे कि यूपीएस क्या है ये कितने प्रकार के होते है. अगर आपको इस पोस्ट से सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हो तो कृपया हमें कमेंट कर जरूर बताये. यूपीएस के बारे में जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने सोशल एकाउंट में Share जरूर करे.

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4 thoughts on “UPS क्या है और इसका क्या काम है”

  1. मेरा लैपटॉप dell inspiron 3481 i3 7th gen है इसका बैटरी ख़राब हो चूका है और अभी मिल नहीं रहा ऐसे मे Ups लेना ठीक रहेगा, यदि हां तो कौन सा बढ़िया होगा |

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